‘कीचड़ सने पांव’ काव्य संग्रह का हुआ लोकार्पण

जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय स्टेशन बाजार स्थित हिंदू पीजी कालेज के सभागार में हिंदी विभाग और सौरभ साहित्य परिषद की ओर से बुद्धवार को ‘कीचड़ सने पांव’ का लोकार्पण और परिचर्चा आयोजित की गई। इस नव काव्य संग्रह के कृतिकार प्रसिद्ध समकालीन वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र सिंह हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। काव्य संग्रह के लोकार्पण के दौरान उपस्थित विद्वत समाज के लोगों को सौरभ साहित्य परिषद द्वारा पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ आलोचक कवि रविनंदन सिंह ने कहा कि कविता निज से परा की तरफ का सफर तय करती है। जो कविता युद्ध नहीं छेड़ती, वह भांजवादी कही जाएगी। प्राचार्य श्री निवास सिंह ने कहा कि कविता सारे दायरों से पार जाने की विधा है। अनुवाद भाषा के सीमित दायरों को तोड़ता है।

कार्यक्रम का संचालन मिथिलेश गहमरी और आभार वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र सिंह ने व्यक्त किया।

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