जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय स्टेशन बाजार के एक युवक को फोन पर भेजा गया ओटीपी बताना महंगा पड़ गया। साइबर अपराधियों ने उसके खाते से दो बार में 1 लाख 49 हजार 8 सौ रुपये उड़ा दिया। घटना के बाद पीड़ित युवक ने साइबर टोल फ्री नंबर सहित कोतवाली में तहरीर दी है।
सरकार व बैंकों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े साइबर अपराधों को लेकर तमाम तरह के जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके, थोड़ी सी असावधानी के कारण लोग साइबर ठगी का शिकार हो जा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला जमानियां स्टेशन बाजार के वार्ड नं 22 निवासी युवक दुर्गेश जायसवाल के साथ हुआ।
पीड़ित दुर्गेश जायसवाल ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि वह सैमसंग का मोबाईल फाइनेंस सुविधा पर खरीदा था। और बीते 25 अक्टूबर की दोपहर 2:38 बजे एक महिला ने फोन कर अपने झांसे में लेते हुए कहा कि आपके द्वारा फाइनेंस पर लिया गया सैमसंग मोबाइल का एक किस्त अभी बकाया है। जिसे जमा करने के लिए आपको एक लिंक भेजा जा रहा है। जिसमें आपको अपने बैंक आदि की जानकारी भरना है। इसके बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा। जिसे आपको हमें बताना होगा। और दो घंटे तक अपने बैंक खाते से कोई भी लेनदेन नहीं करना है।
पीड़ित युवक ने वही किया, जो महिला ठग ने उसे बताया था। ओटीपी बताने के कुछ ही मिनट बाद साइबर अपराधियों ने पीड़ित युवक के खाते से एक बार में एक लाख रुपये और दूसरी बार में 49 हजार 800 रुपये गायब कर दिया। खाते से रुपये गायब होने का मैसेज आते ही पीड़ित दुर्गेश का होश उड़ गया। तब उसने महिला ठग द्वारा किये गए फोन नं पर फोन किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। इसके बाद पीड़ित युवक ने साइबर क्राइम के टोल फ्री नंबर पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराई साथ ही कोतवाली में पहुँच कर अपने साथ हुए ठगी की तहरीर दी।