धूमधाम से मनाया गया 29 वां लटिया महोत्सव

जमानियां (गाजीपुर)। सम्राट अशोक क्लब भारत के तत्वाधान में लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद के जन्मदिवस पर शुक्रवार को लटिया गांव में 29 वी संगीति के अवसर पर लटिया महोत्सव मनाया गया। इस महोत्सव में क्षेत्र  सहित, पूर्वांचल, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली और देश के कोने कोने से तथा कोरिया से बौद्ध अनुयायी पहुंचे थे।

कार्यक्रम की शुरुआत एसडीएम अभिषेक कुमार ने लटिया गांव स्थित स्तंभ के नीचे पंचशील दीप प्रज्ज्वलन तथा कार्यक्रम स्थल पर राष्ट्रीय व क्लब ध्वजारोहण करके किया। आयोजको द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं मंच से अतिथियों ने अवधेश मौर्य की पुस्तक ‘सभ्यताओं के शिक्षक बुद्ध’ व आनंद कुशवाहा की कहानी संग्रह ‘अतिथि देवो भव’ व नाटक संग्रह पुस्तक ‘ज्योति’ का विमोचन किया। इस दौरान राष्ट्र की एकता एवं अखंडता का शपथ भी दिलाया गया।

फोटो: मुख्य अतिथि जुंगतो सोसाइटी कोरिया के संस्थापक पूज्य भंते पोमन्यून सुनीम (बीच में)

वहीं लटिया महोत्सव कार्यक्रम स्थल पर आयोजक मंडल की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें जिला अस्पताल से शिविर में पहुंची टीम ने ब्लड लिया। इस शिविर में पहुंचे 21 लोगों ने अपना ब्लड डोनेट किया। लटिया महोत्सव के दौरान तहसील मुख्यालय से लेकर कार्यक्रम स्थल तक मेला जैसा नजारा रहा। सड़क किनारे जगह जगह खिलौने, धार्मिक पुस्तकों, चाट पकौड़ी मिठाई आदि की दुकानें सजी रही। बच्चों के साथ बड़े बुजुर्गों महिलाओं ने इसका लुत्फ़ उठाया।

वहीं शाहपुर लटिया गांव स्थित अशोक लाट स्थल पर भी लोगों की भीड़ जुटी रही। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल व पीएससी तैनात रही। लटिया महोत्सव में ‘विश्व समुदाय के साथ मधुर सम्बंध बनाने में भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक की भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए मुख्य अतिथि जुंगतो सोसाइटी कोरिया के संस्थापक पूज्य भंते पोमन्यून सुनीम ने कहा कि बुद्ध को मानने के लिए उनके आदर्शों को आत्मसात करना होगा। खुद में परिवर्तन ही धम्म है।

उक्त मौके पर लटिया महोत्सव समिति के संयोजक धनंजय मौर्य, प्रमुख संतोष कुशवाहा ,कृष्णानंद मौर्य, प्रो डॉ अर्पिता चटर्जी, डॉ विनोद कुशवाहा, रामेश्वर कुशवाहा, डॉ रविंद्र मौर्य, जिला  पंचायत सदस्य आकाश यादव, पेबारु कुशवाहा आदि रहे।अध्यक्षता डॉ. दीना नाथ मौर्य ने तथा संचालन राजेश कुमार मौर्य ने किया। 

कोरिया में मंदिर में बुजुर्ग जाते है, लेकिन धम्म को सुनने के लिए युवा जाते है। बुद्ध का धम्म सुनकर व्यक्ति दुखों से बाहर आ जाता है। धम्म का प्रचार प्रसार करें। सम्राट अशोक ने बुद्ध धर्म को अपनाने के बाद बुद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया था। कोरिया और भारत दूर देश के हैं, बुद्ध के धम्म के अनुसार हम सब भाई है। हम एक दूसरे के साथ मिलकर धम्म का प्रचार प्रसार करें।

मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। तत्पश्चात रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

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