आजादी के बाद पहली बार हुई चकबंदी प्रक्रिया शुरू, किसानों में खुशी की लहर

जमानियां (गाजीपुर)। ताजपुर मांझा ग्राम पंचायत में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक दिन रहा, जब आज़ादी के बाद पहली बार चकबंदी प्रक्रिया की शुरुआत हुई। इस अवसर पर शुक्रवार की दोपहर 3 बजे एक खुली बैठक आयोजित की गई, जिसमें चकबंदी विभाग के चकबंदीकर्ता, चकबंदी लेखपाल और सहायक चकबंदी अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकारियों ने बताया कि गांव में चकबंदी की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है और आज धारा 4 का प्रकाशन कर दिया गया है। बैठक में जब अधिकारियों ने चकबंदी की घोषणा की, तो किसानों और ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक उठी। लोगों ने ताली बजाकर इस फैसले का स्वागत किया, क्योंकि यह गांव पहली बार चकबंदी प्रक्रिया से गुजर रहा है।

चकबंदी से गांव के किसानों को उनके छोटे-छोटे बिखरे हुए खेत एक साथ एक जगह पर मिलने से खेती में सहूलियत और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। गांव के बुजुर्गों और किसानों ने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह फैसला वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने वाला है। बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने चकबंदी प्रक्रिया को लेकर उत्साह जताया और इसे गांव के विकास के लिए एक बड़ा कदम बताया।

बता दें कि चकबंदी के लागू होने से किसानों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटे खेतों की समस्या से निजात मिलेगी और एक बड़े भूखंड में खेती करने का अवसर मिलेगा। इससे कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना आसान होगा, सिंचाई और अन्य सुविधाएं बेहतर होंगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव, ग्राम प्रधान ताजपुर मांझा सतीश चंद्र सिंह यादव, मनोज यादव, रामानंद यादव, परमहंस यादव, गौरीशंकर यादव, पंकज, विनोद, मुन्ना, मंगरू, सोनू, सुशील समेत कई किसान और ग्रामीण उपस्थित रहे।

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