जमानियां (गाजीपुर)। आम तौर पर अपराध या जुल्म के खिलाफ आम आदमी पुलिस प्रशासन से रक्षा की उम्मीद करता है, लेकिन जब रक्षक खुद ही अपराधी की तरह काम करने लगे तो न्याय व रक्षा की उम्मीद करना बेमानी लगने लगता है।
कुछ ऐसा ही मामला जमानियां कोतवाली से आया है। जहां देवरिया चौकी प्रभारी अजय कुमार पर मामूली विवाद में 50 हजार रुपए नहीं देने पर विपक्षी के साथ मिलकर चितावनपट्टी निवासी एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा है। मामला जो भी हो, पीड़ित के दोनों जांघ के पीछे लगे चोट के निशान पुलिसिया बर्बरता की कहानी खुद बयां कर रही है।
चितावनपट्टी निवासी पीड़ित हरेराम यादव पुत्र महेन्द्र यादव ने बताया कि 12 दिसम्बर की दोपहर बाद 3.30 बजे वह अपने खेत में काम कर रहा था। तभी गांव के बगल के जनार्दन कुशवाहा ने जमीनी विवाद को लेकर गाली गलौज देने लगा। जब गाली देने से मना किया तो जनार्दन ने 112 नम्बर पर फोन करके पुलिस को बुला दिया।
मौके पर पहुँची डायल 112 पुलिस ने मुझे कोतवाली लेकर चली गयी। आरोप लगाते हुए कहा कि देवरिया चौकी प्रभारी अजय कुमार ने मुझे थाने में बैठा लिया। चौकी प्रभारी ने विपक्षी जनार्दन को भी कोतवाली में बुलवाया और उसके साजिश में शामिल होकर हमें थाने के पीछे ले जाकर 50 हजार रूपये की मांग करने लगे।
जब हमने कहा कि पैसा नहीं है तो चौकी प्रभारी अजय कुमार ने जनार्दन से रुपया लेकर विपक्षी जनार्दन से ही डण्डा से मुझे मरवाने लगे जब मैं चिल्लाने लगा तो मनीष कांस्टेबल ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और विपक्षी जनार्दन ने मुझे डण्डे से बुरी तरह से मारने पीटने लगा जिससे हमें बाहरी व अंदरूनी गम्भीर चोट लगी है।
बताया कि इसे लेकर मुख्यमंत्री, गृह सचिव, मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक व क्षेत्राधिकारी को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं देवरिया चौकी प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि 11 से 13 दिसम्बर तक हम बलिया न्यायालय साक्ष्य में गये थे, और 14 दिसंबर की दोपहर बाद जमानियां आये हैं, पीड़ित का आरोप निराधार है।