जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय स्टेशन बाजार में इन दिनों चोर काफी सक्रिय हो गये हैं और चोरी की घटना बढ़ने लगी है। ताजा मामला स्टेशन बाजार के वार्ड नं 9 से है, जहां दशहरा पर्व की रात करीब 10 बजे एक अज्ञात चोर ने बंद घर को अपना निशाना बनाया और 80 हजार रुपये नगदी, एक सोने का झुमका, एक मंगलसूत्र व एक चांदी का पायल का चुराकर फरार हो गया।
जानकारी के मुताबिक बिहार प्रदेश के मोहनिया क्षेत्र के दसौती गांव की रहने वाली माया देवी पत्नी ओमप्रकाश स्थानीय स्टेशन बाजार के वार्ड नं 9 स्थित एक घर में किराए पर रहती हैं। बीती रात करीब 9 बजे वह अपने घर के सदस्यों को लेकर दशहरा पर्व पर दुर्गा पूजा पांडालों पर घूमने के लिए चली गयी। रात करीब 10 बजे वह घर लौटी तो देखा कि घर के दो कमरे का ताला टूटा हुआ है। यह देख वह सन्न हो गयी, अंदर जा कर देखा तो एक अज्ञात चोर आलमारी को तोड़ कर चोरी कर रहा था। जिसका विरोध किया तो उसने लकड़ी के पीढ़े से उनके सिर पर मारने लगा। तब वह चीखने चिल्लाने लगी।
आवाज सुनकर बगलगीर रामजी गुप्ता दौड़ कर पहुँचे और चोर को पकड़ लिया। चोर ने उनसे भी हाथापाई करते हुए दांत से उनके में हांथ में काट लिया और हांथ छुड़ाकर मौके से फरार हो गया। वहीं चोर के प्रहार से माया देवी के सिर में कई जगह चोटें आईं है। पीड़ित परिवार ने उसी समय डायल 112 को फोन कर घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुँची डायल 112 व चौकी प्रभारी ने घटना की जानकारी लेकर मामले की तफ्तीश में जुट गई।
घटनास्थल से पुलिस को चोर की एक पॉकेट डायरी मिली है, जिसपर की कुछ लोगों का मोबाइल नंबर लिखा हुआ है। पीड़िता माया देवी ने बताया कि इस घटना में उनका 80 हजार रुपये, सोने का एक झुमका, एक मंगलसूत्र व एक चांदी का पायल चोरी हुआ है। जिसे लेकर रविवार की दोपहर करीब 1 बजे पुलिस चौकी में तहरीर दी गयी है।
इस संबंध में चौकी प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर घटना की तफ्तीश की जा रही है।
तीन दिन पहले भी हुई थी चोरी की घटना:-
स्टेशन बाजार के ही वार्ड नं 17 में नवरात्रि के अष्टमी की रात करीब 12:30 बजे वार्ड नं 5 पटखौलीया के एक चोर ने त्रिभुवन शर्मा के घर में छत के रास्ते घुसकर मोबाइल चुरा लिया। इसी दौरान घर की एक महिला की नींद खुल गई और चोर को रंगे हाथ पकड़ लिया और चौकी पुलिस के हवाले कर दिया।
लगातार चोरी की दूसरी घटना सामने आने के बाद नगरवासियों की नींद उड़ चुकी है और लोगों में चोरी का भय बना हुआ है।