जमानियां (गाजीपुर)। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही प्रदेश और प्रदेश के सरकारी दफ्तरों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता) की नीति अपनाते हो, लेकिन विभिन्न विभागों के कर्मचारी उनके जीरो टॉलरेंस की नीति की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। जिसका ख़ामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
जी हां, कुछ ऐसा ही मामला जमानियां तहसील में आसानी से देखने को मिल जाएगा। जहां खतौनी काउंटर पर खतौनी निकालने के नाम पर एक कर्मचारी द्वारा अवैध धन उगाही कर आम जनता का शोषण किया जा रहा है। एसडीएम व तहसीलदार के नाक के नीचे उनका ही कर्मचारी बेखौफ होकर भ्रष्टाचार में संलिप्त है।

स्थानीय तहसील में बुद्धवार को वाराणसी पहाड़िया से खतौनी निकलवाने आए राजेंद्र प्रसाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने काउंटर से दो खतौनी निकलवाया, जहां काउंटर पर कार्यरत संविदा कर्मचारी अजित कुमार ने उनसे दो खतौनी निकालने के नाम पर 40 रुपए कीमत वसूला, जबकि एक खतौनी निकालने की कीमत मात्र 15 रुपया ही है।
अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थानीय तहसील में प्रति खतौनी 5 रुपए अधिक वसूला जाता है, जबकि प्रतिदिन सौ से अधिक खतौनी निकाला जाता है। इस तरह से खतौनी काउंटर पर प्रतिदिन करीब 5 सौ रुपए से अधिक तथा महीने के 15 हजार रुपए से अधिक अवैध धन उगाही की जाती है। जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ता है।

सूत्रों की माने तो खतौनी काउंटर बैठे कर्मचारी द्वारा खतौनी पर आदेश दर्ज करने के नाम पर प्रति खतौनी 100 रुपए वसूला जाता है, जबकि यह निःशुक्ल व्यवस्था है।
इस सम्बन्ध में तहसीलदार रामनारायण वर्मा ने बताया कि तीन चार पन्नों वाल एक खतौनी निकालने का मूल्य 15 रुपया है, जबकि 5 से अधिक पन्नों वाला खतौनी का 1 रुपया प्रति पन्ना अधिक मूल्य लिया जाता है।