अवैध तरीके से चल रहे पागलखाना  को एसडीएम ने जांच कर कराया बंद

जमानियां (गाजीपुर)। बीते रविवार की शाम मदनपुरा स्थित सहारा जन कल्याण मानसिक अस्पताल यानी पागलखाना में इलाज के दौरान बिहार के कैमूर जिले दुर्गावती थाना क्षेत्र के खामी देवरा गांव निवासी विकास कुमार की हुई मौत के मामले में एसडीएम अभिषेक कुमार ने झोला छाप डॉक्टर के जिला नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ. मुंशी लाल व पीएचसी प्रभारी डॉ. रवि रंजन के साथ मंगलवार की दोपहर सहारा जन कल्याण मानसिक अस्पताल का निरीक्षण किया।

फोटो : मरीजो के पैरों में लगी बेड़िया

इस दौरान दो मरीज जंजीरों में जकड़े घूमते हुए नजर आये। तब उन्होंने जंजीरों में जकड़ कर रखे गए दो मरीजों से पूछताछ कर उन्हें मुक्त कराया। इसके बाद पागलखाना में हत्या के आरोपी विजय नारायन पाठक के पुत्र चंदन पाठक से जरूरी पूछताछ की तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पागलखाना को सीज करने तथा इसपर एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया।

वहीं झोला छाप डॉक्टर के जिला नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ. मुंशी लाल ने आरोपी के पुत्र चंदन पाठक से 24 घंटे के अंदर पागलखाना से संबंधित जरूरी प्रमाण पत्रों को प्रस्तुत करने के लिए कहा तथा पागलखाना परिसर में दीवाल पर नोटिस चस्पा किया। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे में प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किये गये तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बीते रविवार की शाम करीब 4 बजे बिहार के कैमूर जिले दुर्गावती थाना क्षेत्र के खामी देवरा गांव निवासी परमहंस राम मानसिक रूप से परेशान अपने 22 वर्षीय पुत्र विकास कुमार के इलाज के लिए मदनपुरा गांव स्थित सहारा जन कल्याण मानसिक अस्तपाल में इलाज के लिए लेकर आये थे। तभी इलाज के दौरान विकास कुमार की मौत हो गयी। इस पर मृतक के पिता परमहंस ने विकास का सीना व गला दबाने का आरोप लगाते हुए पागलखाना संचालक विजय नायरण पाठक व उसके पुत्र सुनील पाठक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। जिन्हें पकड़ कर पुलिस ने जेल भेज दिया।

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