जमानियां (गाजीपुर)। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का पेट भरने के लिए सरकार द्वारा एक तरफ जहां मिड डे मिल योजना चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले सरकारी अध्यापक अपने भूखे पेट को भरने के लिए मिड डे मील व फूड सप्लीमेंट फल व दूध पर डाका डाल रहे हैं। जी हां, कुछ ऐसा ही मामला जमानियां ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मंझरिया बाण से सामने आया है।
इसका खुलासा तब हुआ जब खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह पटेल गुरुवार को अचानक प्राथमिक विद्यालय मंझरिया बाण में जांच करने पहुंचे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह पटेल ने प्राथमिक विद्यालय मंझरिया बाण का औचक निरीक्षण किया। जिसमें नामांकित 62
बच्चों के सापेक्ष 36 बच्चे उपस्थित पाए गए। जबकि मिड डे मील पंजिका में उपस्थित बच्चों की संख्या अधिक भरी गई थी।
इसके साथ ही कक्षा 1, 2 व 3 में नामांकित 29 बच्चों में से केवल 18 बच्चे ही निपुण पाए गए तथा फूड सप्लीमेंट का वितरण भी नहीं किया गया था। जांच में यह भी पाया गया कि बच्चों को फल एवं दूध का भी वितरण नहीं किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी के जांच में प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों की उपस्थिति तथा एमडीएम पंजिका पर डिजिटल अंकन नहीं होना व विद्यालय के एस एम सी खाते में प्रेषित की गई धनराशि के उपयोग में वित्तीय अनियमितता पाई गई है।
उपरोक्त कमियों के दृष्टिगत विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सिंह प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी सहित विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया है।