जायसवाल समाज के लोगों ने श्रद्धापूर्वक मनाई सहस्त्रबाहु जयंती

जमानियां (गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित सब्जीमंडी में सोमवार की देर शाम जायसवाल समाज के तत्वावधान में भगवान सहस्त्रबाहु की श्रद्धापूर्वक जयंती मनाई गई।

कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम भगवान सहस्त्रबाहु जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व माल्यार्पण करके किया गया। इसके पश्चात जायसवाल समाज के लोगों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सम्मानित स्थानीय हिन्दू पी जी कालेज के राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार जायसवाल को फूलमाला पहनाकर व अंगवस्त्रम व श्रीमद्भागवत गीता देकर उन्हें सम्मानित किया।

फोटो : सम्मानित होते असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार जायसवाल

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. अखिलेश कुमार जायसवाल ने कहा कि आज हमारा समाज काफी बिखरा हुआ है। जिसे संगठित करने की जरूरत है। बिना संगठन के ना तो हम देश की सेवा कर सकते हैं और ना ही अपने समाज की। हमारा समाज मजबूत होगा तभी हम अपने देश को मजबूत बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं, चाहे वह किसी भी क्षेत्र की बात हो।

वहीं रमेश जायसवाल ने कहा हमें अपने समाज के लोगों को आगे बढ़ाने में एक दूसरे का सहयोग करना होगा तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा। और यह तभी संभव है जब हम सब मिलकर संगठित होंगे, एकजुट होंगे। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने माह में एक बार स्वजातीय समाज की बैठक करने पर बल दिया।

कार्यक्रम के अंत में प्रतिष्ठित व्यवसायी राकेश जायसवाल ने उपस्थित पत्रकारों को फूल माला पहनाकर तथा कलम व डायरी देकर उन्हें सम्मानित किया।

उक्त मौके पर अजित जायसवाल, अमित जायसवाल, संदीप जायसवाल, मदन जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, अंशुमान जायसवाल, नारायण जायसवाल, अनिल जायसवाल, कौशल जायसवाल, धर्मेंद्र जायसवाल, विनोद जायसवाल, जितेंद्र जायसवाल आदि मौजूद रहे तथा कार्यक्रम का संचालन रमेश जायसवाल ने किया।

बता दें कि सहस्त्रबाहु का मूल नाम, चंद्रवंश के राजा कृतवीर्य के पुत्र होने के कारण, कार्तवीर्य अर्जुन था। जिन्हें भगवान दत्तात्रेय ने युद्ध के समय एक हजार हांथो की शक्ति प्राप्त करने का वरदान दिया था, जिसके कारण उन्हें सहस्त्रार्जुन कहा जाने लगा, उन्हें सहस्त्रबाहु अर्जुन भी कहा जाता है। साथ ही इन्हें भगवान विष्णु का 24वां अवतर भी माना जाता है।

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