जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय तहसील मुख्यालय के सामने स्थित रामलीला मैदान के सुंदरीकरण कार्य शुरू होने को लेकर मंगलवार को विवाद हो गया। इससे आक्रोशित नगर पालिका व रामलीला कमेटी के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता और पुलिस के बीच टकराव उत्पन्न हो गया। हालांकि तहसीलदार रामनारायन वर्मा मौके पर पहुंच कर अध्यक्ष से वार्ता के बाद एसडीएम से वार्ता कर बुधवार को जमीन की पैमाइश करने की बात कही।वही रामलीला मंच के आगे तक सुंदरीकरण कार्य कराने का निर्देश दिया तब जाकर कार्य पुनः शुरू हुआ। अध्यक्ष जयप्रकाश, सभासदों व कुछ समर्थकों संग रामलीला मैदान पर देर शाम तक डटे रहे।
बता दें कि नगर पालिका द्वारा रामलीला मैदान के सुंदरीकरण कार्य के लिए 80 लाख रुपया का निविदा जारी किया गया था। इसके तहत मंगलवार की सुबह से ठेकेदार द्वारा दो जेसीबी मशीन लगाकर जमीन के सतह के समतलीकरण व गिट्टी बिछाने का कार्य शुरू कराया गया था। कार्य लगभग तीन घँटा चला, इस दौरान कस्बा निवासी शशिकांत ने कोतवली में तहरीर देकर बताया कि रामलीला मैदान की जमीन विवादित होने का हवाला दिए और निर्माण कार्य रोकवाने की मांग की।इस पर थाना निरीक्षक अशेषनाथ सिंह रामलीला समिति व नगर पालिका अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता को कोतवाली में बुलाया।
अध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ कोतवली पहुंचे जहां कोतवाल ने सीमांकन होने तक निर्माण कार्य रोकने को कहा तो उन्होंने ने कहा कि जमीन रामलीला मैदान की है, निर्माण कार्य नहीं रुकेगा। कुछ देर बाद ही भारी पुलिस बल के साथ कोतवाल रामलीला मैदान पहुंच गए और निर्माण कार्य रोकने को कहा। इसे लेकर अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता आक्रोशित हो गए और पुलिस से बहसबाजी शुरू हो गई। यह देख समर्थक भी आक्रोशित हो गए। माहौल बिगड़ता देख इसकी सूचना तहसील के अधिकारी को दी गई। तत्काल तहसीलदार राम नारायण वर्मा राजस्व टीम के साथ पहुंच कर अध्यक्षक से वार्ता किये लेकिन दोनों पक्ष अपनी अपनी बातों पर अड़े रहे।
तहसीलदार ने एसडीएम अभिषेक कुमार को घटनाक्रम से अवगत कराया। एसडीएम के निर्देश पर तय हुआ कि बुद्धवार को राजस्व विभाग की टीम रामलीला मैदान की जमीन की पैमाइश करेगी तब तक रामलीला के उत्तरी सिरे पर कार्य कराया जाय तब जाकर अध्यक्ष ने कार्य शुरू कराया। इसके बाद पुलिस वापस लौट गई। हालांकि पूरे दिन तहसील मुख्यालय के पास गहमा गहमी बनी रही।
बोले नगर पालिका अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता-
वहीं इस बारे में नगर पालिका व रामलीला समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि अराजी संख्या 299/1 व 299/2 तथा 297 जम्मन आठ (नान जेडए) की जमीन है। जो नगर पालिका के एसेसमेंट रजिस्टर में रामलीला समिति के नाम से दर्ज है। ऐसी जमीन का अधिकार नगर पालिका में निहित होता है। काश्तकार द्वारा न्यायलय को भी गुमराह किया गया है। यह जमीन थाना से सटा होने के कारण पुलिस इसे अपनी जमीन बताकर विकास कार्य में अवरोध उत्पन्न कर रही है जो गलत है। रामलीला मैदान का निर्माण कार्य पूरा होकर रहेगा, जरूरत पड़ी तो धरना पर भी बैठूंगा।
विपक्षी शशिकांत ने तहरीर देकर की न्याय की मांग –
रामलीला मैदान में निर्माण कार्य के खिलाफ तहरीर देकर रोकवाने की मांग करने वाले विपक्षी शशिकांत का आरोप है कि अराजी नंबर 299/1 व 299/2 के वह काश्तकार है। उनके व रामलीला समिति के बीच इस जमीन के मामले को लेकर सिविल जज के न्यायलय में मुकदमा के दौरान 6 फरवरी 1978 को आदेश हुआ कि नवरात्रि की नवमी व दशहरा को मेला लगाने का पारंपरिक अधिकार रामलीला समिति को मिला, जबकि जमीन का मालिकाना हक प्रार्थी के पास है।परंतु न्यायलय के आदेश की अवमानना करते हुए नगर पालिका द्वारा इस जमीन को रामलीला समिति की जमीन मानकर निर्माण कार्य के लिए निविदा जारी कर सुंदरीकरण कार्य शुरू कार्य कराया जा रहा है। जिसको लेकर एसडीएम व कोतवाली में न्याय की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया है।
कस्बा निवासी शशिकांत के तहरीर पर पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवाया था। लेकिन एसडीएम द्वारा 15 फिट तक निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया, तब निर्माण कार्य शुरू हुआ। बुद्धवार को राजस्व टीम द्वारा अधिकारियों के मौजूदगी में पैमाइश कार्य होगा।
अशेष नाथ सिंह, कोतवाली प्रभारी जमानियां –
रामलीला मैदान में निर्माण कार्य को लेकर हुए विवाद को समाप्त कराने के लिए बुद्धवार को पैमाइश के लिए राजस्व टीम का गठन किया गया है। जो सभी पक्षों की मौजूदगी में स्थलीय व अभिलेखीय परीक्षण कर जांच आख्या प्रस्तुत करेगी।
अभिषेक कुमार, एसडीएम जमानियां –
नगर पालिका द्वारा रामलीला मैदान के निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर उपजे विवाद को लेकर बुद्धवार को पुलिस बल की उपस्थिति में रामलीला मैदान की जमीन की पैमाइश के लिए छह सदस्यीय राजस्व टीम का गठन किया है। जिसमें नायाब तहसीलदार जितेंद कुमार सहित राजस्व निरीक्षक इन्द्रप्रताप सिंह व चार लेखपाल रहेंगे।