मछुआरों ने गंगा नदी में मछली मारने की नीलामी के विरोध में की बैठक

जमानियां (गाजीपुर)। सरकार द्वारा गंगा नदी में मछली मारने के लिए पट्टा का अधिकार दिए जाने हेतु नीलामी प्रक्रिया करने को लेकर मछुवारा समाज आक्रोशित है। रविवार की सुबह 11 बजे सतुवानी घाट पर मछुवारा समाज के लोगों ने बैठक कर सरकार के इस निर्णय को गलत बताया और नीलामी प्रक्रिया रोकने की मांग की।

मछुवारा समाज के अध्यक्ष शेषनाथ चौधरी ने कहां की मछुवा समाज का भरण पोषण व आजीविका मत्स्य आखेट पर ही निर्भर है। अगर गंगा नदी की नीलामी हुई तो मछुवा समाज की आजीविका छिन जायेगी। जिससे समाज के लोगों के सामने भारी समस्या खड़ी हो जायेगी। आगामी आठ अक्टूबर को वाराणसी में नीलामी प्रक्रिया होना सुनिश्चित है। निलामी प्रक्रिया को रोकने के लिए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को भी पत्रक दिया गया है।

वही मिश्री लाल निषाद ने कहा कि सरकार द्वारा गंगा नदी में जगह जगह पांच किमी की दूरी पर मत्स्य आखेट हेतु नीलामी होने का पत्र मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा भेजा गया है। अगर नीलामी हुई तो एक व्यक्ति के नाम से ही पट्टा होगा और बाकी समाज के लोगों इसका लाभ नहीं मिल पायेगा। इसलिए इस प्रक्रिया को रोका जाय। विगत कई वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी नीलामी पर कार्य न कर निशुल्क मछली गंगा नदी से मारा है। सरकार अपने आदेश को वापस ले और नीलामी प्रक्रिया को रोके जो मछुवा समाज के हित में होगा।

उक्त मौके पर रमेश चौधरी, गणेश निषाद, रमेश निषाद, महावीर चौधरी, श्रीनिवास चौधरी, रमेश निषाद, लाल बाबू चौधरी सहित समाज के अन्य लोग रहे।

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