जमानियां (गाजीपुर)। योगी सरकार एक तरफ जहां आम जन व गरीबों के निःशुल्क इलाज के लिए तमाम तरह की योजनाएं संचालित कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इनके सरकारी डॉक्टर और इनके कर्मचारी योगी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरुईन की, जहां रविवार के दिन लगने वाला मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला इन दिनों महज एक मजाक बन कर रह गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आज रविवार के दिन स्वास्थ मेला में ना तो डॉक्टर का पता था और ना ही फार्मासिस्ट का, साथ ही स्वास्थ्य केंद्र के भवन से मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का बैनर भी गायब था।
स्वास्थ्य मेला में तैनात चिकित्सक और फार्मासिस्ट के बारे में पूछने पर वहां बैठे संविदा पर तैनात सेक्युरिटी गार्ड सत्यप्रकाश भारती ने फार्मासिस्ट सुरेंद्र पासवान को फोन करके मौके पर बुलाया। जब फार्मासिस्ट से स्वास्थ्य मेला में मरीजों को देखने वाले चिकित्सक का नाम और उनकी गैर मौजूदगी के बारे में पूछा गया तो वह कुछ भी नहीं बता पाया। अब आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिये कि जब स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट को ये पता नहीं कि मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला में किस चिकित्सक की ड्यूटी लगी है, तो जरा सोचिए स्वास्थ्य मेला में पहुँचने वाले मरीजों का इलाज कैसे और कौन करता होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
अब आप खुद समझ सकते हैं कि स्वास्थ्य मेला में जब चिकित्सक नहीं बैठते होंगे, तब इलाज कराने के लिये कितने मरीज स्वास्थ्य केंद्र पर पहुँचते होंगे। इस बात से स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरुईन पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन महज एक खानापूर्ति है।
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आमजन के निःशुल्क इलाज के लिए प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाता है।