एंटी करप्शन टीम के जाल में फंसा घूसखोर लेखपाल

प्रदीप शर्मा

गाजीपुर। सरकार से मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों का पेट भरने का नाम नहीं ले रहा है। अपने सरकारी पद की गरिमा को ताक पर रखकर निजी स्वार्थ के चलते महज कुछ रूपयों के लालच में ये आम लोगों का शोषण करने से नहीं चूक रहे हैं।

कुछ इसी तरह से जमानियां तहसील से जुड़े एक लेखपाल का मामला सामने आया है। जिसे एंटी करप्शन टीम वाराणसी ने शुक्रवार को 10 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल, जमानियां तहसील में तैनात लेखपाल प्रभाकर पांडेय ने सुहवल क्षेत्र के अंहारीपुर निवासी कमलेश पाल पुत्र प्रेम सागर से जमीन के दाखिल खारिज पर आख्या लगाने के एवज में 10 हजार रुपए घूस की मांग किया था। इस पर कमलेश पाल ने एंटी करप्शन की यूनिट वाराणसी से संपर्क कर पूरी कहानी बताई।

फोटो : एंटी करप्शन टीम के शिकंजे में घूसखोर लेखपाल प्रभाकर पांडेय

एंटी करप्शन टीम वाराणसी के निरीक्षक सूर्य प्रताप सिंह ने लेखपाल प्रभाकर पांडेय को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए अपना जाल बिछा दिया। जिसके तहत कमलेश पाल लेखपाल को 10 हजार रुपए देने के लिए तैयार हो गया। शुक्रवार को लेखपाल प्रभाकर पांडेय ने दिलदारनगर रेलवे स्टेशन के पास एक चाय की दुकान पर शिकायतकर्ता कमलेश को बुलाया। जहां प्लान के तहत कमलेश पहुंचता है और लेखपाल 10 हजार रुपए दे देता है। इतने में चाय की दुकान पर मौजूद एंटी करप्शन की टीम ने घूसखोर लेखपाल को तुरंत 10 हजार रुपए के साथ रंगे हाथ धर दबोचा। यह देख चाय की दुकान पर भीड़ जुट गई।

लेखपाल बार बार मिन्नतें करता रहा, अपनी सफाई देता रहा लेकिन एंटी करप्शन टीम ने तुरंत लेखपाल प्रभाकर पांडेय को अपने वाहन में बैठाकर सुहवल थाना ले गई और उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया। घूसखोर लेखपाल के पकड़े जाने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। एंटी करप्शन टीम के इस कार्रवाई से अन्य विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। गिरफ्तार लेखपाल प्रभाकर पांडेय पुत्र स्व. सर्वदेव पांडेय वाराणसी के शिवपुर का रहने वाला है।

उक्त टीम में नीरज सिंह, राजेश यादव, मैनेजर सिंह, मुख्य आरक्षी शैलेन्द्र कुमार राय, विनोद कुमामौजूदर, आरक्षी अजीत सिंह, आशीष शुक्ला, अश्वनी पांडेय आदि रहे।

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