जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय एसडीएम न्यायालय द्वारा दरौली गांव के 43 वर्ष से चले आ रहे भूमि विवाद के एक मामले में अंतिम फैसला दिया गया है। जिससे ग्रामीणों में हर्ष है।
दरौली गांव के पूर्व प्रधान राजकुमार ने बताया कि वर्ष 1981 में गांव के ही चंद्रमा कोइरी, कामता कोइरी व केशव कोइरी, रामप्रदीप आदि ने बिना गांवसभा की सहमति से गांव समाज का गाटा संख्या 275क बंजर तथा 275ख बाउली/गड़ही, जहां शिव मन्दिर, गड़ही बाउली तथा गांधी चबूतरा है, के खतौनी में गलत तरीके से अपना नाम दर्ज करा लिया। इसे लेकर 1983 में अपर आयुक्त मंडल वाराणसी में जाकर मुकदमा दायर किया।
कई वर्षो की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद उक्त मुकदमें को पुनः एसडीएम न्यायालय जमानियां में निस्तारण के लिए भेजा गया। जिसपर एसडीएम अभिषेक कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए बीते 4 सितंबर 2024 को तहसीलदार रामनारायण वर्मा से स्थलीय जांच कराया। जांच में यह तथ्य सामने आया की उक्त गाटा संख्या के शिव मन्दिर, गड़ही बाउली तथा शिव मंदिर के पास गांधी चबूतरे की जमीन पर विपक्षियों का गलत तरीके से नाम दर्ज है।
जांच पूरी होने के बाद मामले की सुनवाई करते हुए एसडीएम अभिषेक कुमार ने बीते 9 सितंबर को 2024 को खाता संख्या 81 में अंकित गाटा संख्या 275 रकबा 0.2080 हेक्टेयर पर अंकित खातेदार कामता व केशव पुत्र बचनू, सुखदेव पुत्र जोखू, धर्मेंद्र सिंह पुत्र मुसाफिर, लोमस ऋषि, राम अवध व राम बड़ाई पुत्र सुकालू व बलिस्टर व हरेंद्र पुत्र राम प्रदीप व चंद्रावती देवी पत्नी राम प्रदीप निवासी दरौली का नाम निरस्त कर गाटा संख्या 275ख रकबा 0-8-13 में बंजर तथा 275क के रकबा 0-7-16 में बावली के रूप में दर्ज करने का अंतिम फैसला सुनाया।
एसडीएम अभिषेक कुमार द्वारा निष्पक्ष जांच के बाद 43 साल पुराने मामले में फैसला सुनाए जाने से उक्त मामले में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे पूर्व ग्राम प्रधान राजकुमार यादव तथा ग्रामीणों में काफी हर्ष है।
एसडीएम अभिषेक कुमार ने बताया कि इस तरह के अन्य प्रकरणों को भी चिन्हित कर ग्राम सभा की भूमि पर गलत तरीके से नाम चढ़ाने वालों का नाम निरस्त कर शासन की मंशा के अनुरूप पुनः ग्राम सभा का नाम दर्ज किया जाएगा।