दिलदारनगर (गाजीपुर)। स्थानीय क्षेत्र के जबुरना गांव में सोमवार की सुबह संपति के विवाद को लेकर पति ने पत्नी सहित तीन बच्चों और स्वयं जहर मिलाया हुआ गन्ने का जूस पीकर जान देने की कोशिश की। हालत खराब होने पर परिजन सभी को लेकर निजी अस्पताल ले गए, लेकिन स्थिति गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने मेडिकल कालेज गाजीपुर भेज दिया। जहां दंपति सहित बच्चों का उपचार चल रहा है। सूचना पर गांव पहुंच कर थाना निरीक्षक विजय प्रताप सिंह व तहसीलदार ज़मानियां देवेंद्र यादव पहुंच गए और घटना की जानकारी ली।
बताया जा रहा है कि जबुरना गांव निवासी बृजेश कुमार कुशवाहा उर्फ सोनू, मोनू कुमार व वीरेंद्र कुमार उर्फ टोनु तीन भाई है। जिसमें मोनू दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है। बृजेश व वीरेंद्र घर पर रहते हैं। पिता सरदार कुशवाहा यूपी पुलिस में कुक के पद से सेवानिवृत है और कानपुर में मकान बनाकर रहते है। पिता ने तीनों भाइयों के बीच बरारबर संपति का बंटवारा भी कर दिया है। लेकिन बृजेश व वीरेंद्र के बीच संपति को लेकर हमेशा विवाद होता है। सोनू अपने हिस्से में गन्ने की बुवाई कर उसका जूस बेचता है।
घर से कुछ दूरी पर अहाता है जिसमें वीरेंद्र के हिस्से में एक मकान है। बृजेश उसी मकान में दुकान खोलना चाहता है। सोमवार को उसने अपने पिता से मोबाइल पर बात कर दुकान खोलने के बारे में बताया तो उन्होंने आपस में बात करने की बात कही। दुकान खोलने को लेकर बृजेश का उसकी पत्नी शकुंतला से भी कहासुनी हो गई। इसके बाद गुस्साए बृजेश ने पत्नी शकुंतला व पुत्री अंजली(17), शिवानी(5) व पुत्र जिगर(10) को गन्ने के जूस में जहर मिलाकर पिला दिया और अपने भी पी लिया। इसके बाद सभी को जहर पिलाने की बात बता दी। कुछ देर बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी और उल्टी शुरू होने लगा।
इस बात की जानकारी जब घर के अन्य परिजनों को हुई तो उन्होंने आनन फानन में सभी को ऑटो से थाना रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए। लेकिन वहां से सभी को मेडिकल अस्पताल गाजीपुर रेफर कर दिया जहां सभी का इलाज चल रहा है। हालांकि सभी का हालत खतरे से बाहर है। बृजेश ने बताया कि पिता को सबक सिखाने के लिए जहर खाया है।