24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ के तहत निकली गयी भव्य कलश यात्रा

जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय रेलवे स्टेशन बाजार क्षेत्र के डिगरी नहर पुलिया के पास स्थित एक मैरेज लॉन में मंगलवार से चार दिवसीय 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गायत्री पूजन करके किया गया। इसके पश्चात स्टेशन बाजार में भव्य रूप से महिलाओं व बालिकाओं द्वारा कलश यात्रा निकाला गया। जिसे देखने के लिए यात्रा मार्ग पर लोग खड़े रहे। कलश यात्रा की शुरुआत डिगरी नहर पुलिया से शुरु की गई जो गल्लमण्डी, गांधी चौक, सब्जिमंडी, रोडवेज बस स्टैंड, बड़ेसर नहर होते हुए चक्काबाँध गंगा घाट तक गया। जहां से कलश शोभायात्रा में शामिल महिलाएं व बालिकायें पवित्र गंगा जल को कलश में लेकर पुनः कार्यक्रम स्थल पर पहुँची।

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक जयशंकर श्रीवास्तव व अंशुमान जायसवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में 2 जनवरी से 5 जनवरी तक 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ व प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का विराट आयोजन शुरू किया गया है। जिसमें शान्तिकुंज हरिद्वार से आये विद्वान आचार्यों के सान्निध्य में कार्यक्रम संपन्न कराया जायेगा। कहा कि इस क्षेत्र में इतना बड़ा कार्यक्रम पहली बार होने जा रहा है।

कार्यक्रम में पहले दिन विशाल कलश शोभायात्रा निकाली गयी है। इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह 9 बजे से यज्ञ व विविध संस्कार और शाम को संगीतमय प्रवचन होगा। 3 जनवरी को ‘आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी’ की कार्यशाला और 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित है जिसमें क्षेत्र के सभी अध्यापकों, युवाओं, विद्यार्थियों और प्रबुद्ध वर्ग को आमंत्रित किया गया है। उक्त कार्यक्रम को अखिल विश्व गायत्री परिवार के उत्तर प्रदेश युवा प्रकोष्ठ के प्रांतीय प्रतिनिधि प्रभाकर सक्सेना संबोधित करेंगे और शाम को 24000 दीपों का दीप महायज्ञ व मशाल प्रज्ज्वलन होगा।

सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि गायत्री परिवार पूरे भारत में राष्ट्र जागरण कार्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्त, संस्कारी व चरित्रवान बनाने के लिए तत्पर है। आयोजक अंशुमान जायसवाल ने बताया कि सभी कार्यक्रम यज्ञ व संस्कार पूरी तरह निःशुल्क होंगे। कहा कि इस कार्यक्रम में सभी लोग बिना किसी जाति-वर्ग, लिंग, धर्म, भाषा, संप्रदाय के भागीदारी कर सकते हैं।

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